\[ \mathrm{B}(\mathrm{OH})_{3}(a q)+2 \mathrm{H}_{2} \mathrm{O}(l) \longrightarrow \mathrm{H}_{3...
\[
\mathrm{B}(\mathrm{OH})_{3}(a q)+2 \mathrm{H}_{2} \mathrm{O}(l) \longrightarrow \mathrm{H}_{3} \mathrm{O}^{+}(a q)+\left[\mathrm{B}(\mathrm{OH})_{4}\right]^{-}(a q)
\]
बोरिक अम्ल विषैला एवं चिकना होता है। लवण का विलयन सामान्यतः जटिल होता है क्योंकि ये बोरेट ऋणायन का बहुलक तथा साथ ही साथ साधारण ऋणायन \( \left[\mathrm{B}(\mathrm{OH})_{4}\right]^{-}, \mathrm{BO}_{3}^{3-} \) और \( \mathrm{BO}_{4}^{5-} \) को रखता है। बोरेट जल में अपघटित होकर क्षारीय विलयन देता है और इसलिए बोरॉन का उपयोग सफाई कारकों में किया ज्ञाता है।
(A) बोरिक अम्ल लुईस क्षार है
(B) बोरिक अम्ल में बोरोंन का \( s p^{3} \) संकरण है
(C) बोरिक अम्ल के अण एक-दूसरे के साथ \( \mathrm{H} \)-बन्ध द्वारा जुड़े रहते हैं
(D) उपरोक्त सभी
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