PM's speech at the Golden Jublee celebration of the works of Rashtrakavi Ramdhari Singh Dinkar
PM's speech at the Golden Jublee celebration of the works of Rashtrakavi Ramdhari Singh Dinkar
Text of PM’s address at the Golden Jubilee Celebrations of the works of Rashtrakavi Ramdhari Singh Dinkar
दिनकर जी के सभी आदरणीय परिवार-जन, साहित्य-प्रेमी भाईयों और बहनों,
ये मेरा सौभाग्य है कि आज शब्द-ब्रहम की इस उपासना के पर्व पर मुझे भी पुजारी बन करके, शरीक होने का आप लोगों ने सौभाग्य दिया है। हमारे यहां शब्द को ब्रहम माना है। शब्द के सामर्थ्य को ईश्वर की बराबरी के रूप में स्वीकार किया गया है।
किसी रचना के 50 वर्ष मनाना, वो इसलिए नहीं मना जाते कि रचना को 50 साल हो गये हैं, लेकिन 50 साल के बाद भी उस रचना ने हमें जिंदा रखा है। 50 साल के बाद उस रचना ने हमें प्रेरणा दी है और 50 साल के बाद भी हम आने वाले युग को उसी नज़रिये से देखने के लिए मजबूर होते हैं, तब जा करके उसका सम्मान होता है।
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