
रामानंद सागर कृत श्री कृष्ण भाग 22 - फल बेचने वाली को मातृत्व सुख देना तथा ग्वालिनों का वस्त्र हरण
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बजरंग बाण | पाठ करै बजरंग बाण की हनुमत रक्षा करै प्राण की | जय श्री हनुमान | तिलक प्रस्तुति 🙏 भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद।
Ramanand Sagar's Shree Krishna Episode 22 - Gopis Clothing loss. Shri krishna and fruits
राधा अपने पिता बरसाना गाँव के प्रधान वृषभानु के साथ गोकुल आती है। यशोदा के कहने पर बाल कृष्ण राधा का हाथ पकड़ कर गोकुल दिखाने चल देते है। भगवान श्री कृष्ण राधा जी से इस प्रकार अकस्मात मिलने आने का कारण पूछते है तो राधा जी भगवान श्री कृष्ण को उनके द्वारा मुरली बजाकर पुकारने जाने पर विरहा को न सहा जाना बताती है। इस पर राधा जी भगवान श्री कृष्ण से पूर्व में उनके भक्त श्रीदामा (भगवान श्री कृष्ण के एकांत कुंज के द्वार पर नियुक्त पहरेदार महाबली श्रीदामा) द्वारा दिये गये सौ बरस तक धरती पर विरह का श्राप का वर्णन करती है। भगवान श्री कृष्ण राधा जी को धरती की परम्परा के अनुसार ही लीला करने की सलाह देते है। धरती पर राधा जी और भगवान श्री कृष्ण को एक साथ देखकर नारद जी और समस्त देवतागण आकाश से उनके दर्शन व आरती करते है।
एक दिन एक फल बेचने वाली वृद्धा सुबह से बोहनी न होने पर हताश होकर नंदराय के द्वार पर आकर बैठती है और भगवान को याद करती है। इस पर बाल कृष्ण वहाँ आकर उससे सारे फल देने के लिये कहते है और फलों के मोल के बदले उस वृद्धा जो कि चण्डाल जाति की होती है की गोद में बैठ कर उसे मातृत्व का सुख प्रदान करते है। इसके साथ ही बाल कृष्ण घर के अंदर से एक मुठ्ठी घान भर कर लाते है जोकि लाते समय दाने बिखरते जाते है। अंत में बाल कृष्ण मुठ्ठी में बचे हुये घान के उस वृद्धा को दे देते है जिसे लेकर जब वह अपने घर में टोकरी में पलटती है तो वह घान के दाने हीर-मोतियों में बदल जाते है।
कई दिनों से ग्वालिनें बाल कृष्ण के दर्शन से वंचित होने के कारण बेचैन हो जाती है और उन्हें अपने द्वारा यशोदा से शिकायत करने का ख़ेद होता है। उनको विश्वास होता है कि अब बाल कृष्ण उनसे बदला लेने जरूर आयेगा तब वह सब उससे प्रेमपूर्वक की संधि कर लेंगी। बाल कृष्ण का मित्र मनुसुखा जोकि उन सब की बातें चोरी-छिपे सुन रहा होता है उन बातों को मित्र मण्डली में जा कर बता देता है। सभी मित्र बाल कृष्ण से ग्वालिनों के साथ समझौता करने के लिये कहते है, लेकिन बाल कृष्ण जब तक अपना पलड़ा न भारी हो तब तक यह प्रेम युद्ध करते रहने के लिये कहते है तथा उनसे बदला लेने के लिये कात्यायनी माता के मंदिर जाने का कार्यक्रम बनाते है। अगले दिन ग्वालिनें जब मंदिर में पूजा करने पूर्व नदी में निर्वस्त्र हो स्नान कर रही होती है तब बाल कृष्ण अपनी मित्रमण्डली के साथ पहुँच जाते है और उनके वस्त्रों को उठा कर पेड़ की डाल में छुप कर बैठ अपनी मुरली बजाने लगते है। मुरली की मधुर घुन सुनते ग्वालिनें समझ जाती है कि बाल कृष्ण वहीं पर कहीं है और वह सब नदी से बाहर आकर उसे ढूंढना चाहती है। लेकिन अपने वस्त्रों को अपने स्थान पर न देख घबरा जाती है, तभी उन्हें पेड़ पर बैठ बाल कृष्ण दिख जाते है और वह बाल कृष्ण से अपने वस्त्रों को ढूंढने को कहती है। इस पर बाल कृष्ण कहते है कि इस तरह से निर्वस्त्र हो कर नदी में नहाना पाप होता है। ग्वालिनें बाल कृष्ण से प्रार्थना करती है तो बाल कृष्ण उनसे शर्त रखना चाहते है। शर्त की बात सुनकर ग्वालिनें यशोदा से शिकायत करने की धमकी देती है। बाल कृष्ण मित्र मण्डली के साथ उनके वस्त्रों को लेकर चलने के लिये कहते है, यह देख ग्वालिनें उनकी शर्तों को स्वीकार कर लेती है। बाल कृष्ण उनके वस्त्रों के वापस कर अपनी मित्र मण्डली के साथ वहाँ से चल देते है और मित्रों से कहते है कि प्रेम के युद्ध में जो हारता है वहीं जीतता है।
श्रीकृष्णा, रामानंद सागर द्वारा निर्देशित एक भारतीय टेलीविजन धारावाहिक है। मूल रूप से इस श्रृंखला का दूरदर्शन पर साप्ताहिक प्रसारण किया जाता था। यह धारावाहिक कृष्ण के जीवन से सम्बंधित कहानियों पर आधारित है। गर्ग संहिता , पद्म पुराण , ब्रह्मवैवर्त पुराण अग्नि पुराण, हरिवंश पुराण , महाभारत , भागवत पुराण , भगवद्गीता आदि पर बना धारावाहिक है सीरियल की पटकथा, स्क्रिप्ट एवं काव्य में बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ विष्णु विराट जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
Produced - Ramanand Sagar / Subhash Sagar / Pren Sagar
निर्माता - रामानन्द सागर / सुभाष सागर / प्रेम सागर
Directed - Ramanand Sagar / Aanand Sagar / Moti Sagar
निर्देशक - रामानन्द सागर / आनंद सागर / मोती सागर
Chief Asst. Director - Yogee Yogindar
मुख्य सहायक निर्देशक - योगी योगिंदर
Asst. Directors - Rajendra Shukla / Sridhar Jetty / Jyoti Sagar
सहायक निर्देशक - राजेंद्र शुक्ला / सरिधर जेटी / ज्योति सागर
Screenplay & Dialogues - Ramanand Sagar
पटकथा और संवाद - संगीत - रामानन्द सागर
Camera - Avinash Satoskar
कैमरा - अविनाश सतोसकर
Music - Ravindra Jain
संगीत - रविंद्र जैन
Lyrics - Ravindra Jain
गीत - रविंद्र जैन
Playback Singers - Suresh Wadkar / Hemlata / Ravindra Jain / Arvinder Singh / Sushil
पार्श्व गायक - सुरेश वाडकर / हेमलता / रविंद्र जैन / अरविन्दर सिंह / सुशील
Editor - Girish Daada / Moreshwar / R. Mishra / Sahdev
संपादक - गिरीश दादा / मोरेश्वर / आर॰ मिश्रा / सहदेव
Cast / पात्र
Sarvadaman D. Banerjee
सर्वदमन डी. बनर्जी
Swapnil Joshi
स्वप्निल जोशी
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