
रामानंद सागर कृत श्री कृष्ण भाग 17-तृणावर्त का वध व भगवान शंकर का बाल कृष्ण के दर्शन हेतु गोकुल आगमन
https://youtu.be/6NmX-ActJ20
बजरंग बाण | पाठ करै बजरंग बाण की हनुमत रक्षा करै प्राण की | जय श्री हनुमान | तिलक प्रस्तुति 🙏 भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद।
Ramanand Sagar's Shree Krishna Episode 17 - Slaughter of the night monster. Lord Shiva came to see Gokul Shri Krishna
कंस द्वारा निराश होकर अपने मित्र बाणासुर को सहायता के लिये पत्र लिखे जाने पर बाणासुर उसकी मदद के लिये आता है। बाणासुर कंस से कहता है कि उसके जैसे प्रतापी वीर का इस प्रकार निराश होने से उसके साथियों का मनोबल गिर जायेगा। इस पर कंस कहता है वह किसी भी दिग्गज सेना को मतवाले हाथी की भांति रौंद सकता है। इंद्र के हाथ से बज्र छीन सकता है। लेकिन इसबार एक दूध पीते बालक ने उसे परेशान कर रखा है, जिसने पूतना और उत्कच जैसे परमवीर योद्धाओं को यमलोक पहुँचा दिया। और साथ उसकी दूसरी परेशानी कि देवकी के अष्टम पुत्र क्या वह उसका मारणहार है, वह कौन है, क्या वह नंद का पुत्र बन कर उसके साथ छल कर रहा है। बाणासुर कंस को किसी काल्पनिक शत्रु की तलाश में भटकने की जगह उसके वास्तविक शत्रु बाल कृष्ण के विनाश की योजना बनाने के लिये कहता है। इसलिये बाणासुर अपने साथ आये हुये दैत्य तृणावर्त को कंस के कार्य के लिये गोकुल जाने का आदेश देता है। आदेश पाते ही बवंडर रूपी तृणावर्त गोकुल जाकर सबकुछ तहस-नहस करने लगता है और यशोदा से बाल कृष्ण को छीन कर आकाश में उड़ जाता है। लेकिन बाल कृष्ण द्वारा अपने भार की अधिक बढ़ा देने के कारण तृणावर्त अधिक ऊचाँई तक नहीं उड़ पाता है और उनके द्वारा गला दबा दिये जाने के कारण उसकी मृत्यु हो जाती है। तृणावर्त के इस प्रकार वध होने पर कंस बाणासुर से किसी अन्य अस्त्र के प्रयोग के बारे में पूछता है। तब बाणासुर कंस को प्रतीक्षास्त्र का प्रयोग यानि शांत होकर सही समय के आने की प्रतीक्षा करने लिये कहता है तथा कंस को उसके मनोरंजन के लिये अपने राज्य में आकर आखेट करने लिये आमंत्रित करता है। कंस इस पर सहमत हो जाता है। इधर कारागार में देवकी अपने पुत्र कृष्ण की कल्पनाओं में खोई रहती है और देवकी द्वारा मन ही मन कृष्ण के पुकारे जाने पर वह केवल उन्हें अदृश्य रूप में दिखने लगते है। इस पर राधा जी भगवान कृष्ण से प्रश्न करती है कि कृष्ण केवल देवकी को ही क्यों दिख रहे है, वासुदेव को क्यों नहीं। भगवान कृष्ण राधा जी को बताते है कि वह ज्ञान और बुद्धि दोनों से परे है इसलिये पिता वासुदेव को बुद्धि के तर्क के पर्दों के कारण नहीं दिख रहे है और माता देवकी को उनके विश्वास के कारण दिखाई दे रहे है तथा बालक को जो आनंद माता की गोद में मिलता है वह कहीं और नहीं मिलता है।
नारद जी भगवान शंकर से स्वयं के मृत्युलोक में भगवान कृष्ण की बाल लीला से रोंमाचित होने का वर्णन करते है। नारद के द्वारा कृष्ण की अदुभुत लीलाओं का वर्णन सुनकर भगवान शंकर को धरती पर जाकर अपने स्वामी कृष्ण की बालरूप का दर्शन करने की लालसा जाग उठती है। इसपर नारद जी भगवान शंकर और भगवान कृष्ण के कभी एक दूसरे के भक्त और कभी स्वामी जैसे संबंध पर चकित होते है। इधर भगवान कृष्ण देवी योगमाया दर्शन देकर भगवान शंकर के गोकुल में आने की सूचना देते है और इसपर योगमाया वृद्धा पूरनमासी बुआ का रूप ले लेती है। भगवान शंकर बाल कृष्ण के दर्शन हेतु भिक्षुक साधु का वेश धर कर गोकुल नंदराय के घर पहुँच जाते है। यशोदा के पड़ोस की काकी जब भिक्षुक रूपी भगवान शंकर को अपने घर में ले जाकर भिक्षा देने को कहती है तो इसपर भिक्षुक भगवान शंकर दिन में केवल प्रथम घर की भिक्षा स्वीकार करने की बात करते है। काकी यशोदा के घर के अंदर जाकर यशोदा को घर के बाहर खड़े दिव्य भिक्षुक को भिक्षा देने का आग्रह करती है। देवलोक से भगवान कृष्ण अपने बालरूपी कृष्ण के घर में पधारे भिक्षुक रूपी भगवान शंकर को प्रणाम करते है।
Produced - Ramanand Sagar / Subhash Sagar / Pren Sagar
निर्माता - रामानन्द सागर / सुभाष सागर / प्रेम सागर
Directed - Ramanand Sagar / Aanand Sagar / Moti Sagar
निर्देशक - रामानन्द सागर / आनंद सागर / मोती सागर
Chief Asst. Director - Yogee Yogindar
मुख्य सहायक निर्देशक - योगी योगिंदर
Asst. Directors - Rajendra Shukla / Sridhar Jetty / Jyoti Sagar
सहायक निर्देशक - राजेंद्र शुक्ला / सरिधर जेटी / ज्योति सागर
Screenplay & Dialogues - Ramanand Sagar
पटकथा और संवाद - संगीत - रामानन्द सागर
Camera - Avinash Satoskar
कैमरा - अविनाश सतोसकर
Music - Ravindra Jain
संगीत - रविंद्र जैन
Lyrics - Ravindra Jain
गीत - रविंद्र जैन
Playback Singers - Suresh Wadkar / Hemlata / Ravindra Jain / Arvinder Singh / Sushil
पार्श्व गायक - सुरेश वाडकर / हेमलता / रविंद्र जैन / अरविन्दर सिंह / सुशील
Editor - Girish Daada / Moreshwar / R. Mishra / Sahdev
संपादक - गिरीश दादा / मोरेश्वर / आर॰ मिश्रा / सहदेव
Cast / पात्र
Sarvadaman D. Banerjee
सर्वदमन डी. बनर्जी
Swapnil Joshi
स्वप्निल जोशी
Ashok Kumar
अशोक कुमार बालकृष्णन
Deepak Deulkar
दीपक डेओलकर
Sanjeev Sharma
संजीव शर्मा
Pinky Parikh
पिंकी पारिख
Reshma Modi
रेशमा मोदी
Shweta Rastogi
श्वेता रस्तोगी
Paulomi Mukherjee
पौलोमी मुखर्जी
Sunil Pandey
सुनील पांडेय
Damini Kanwal
दामिनी कँवल
Sulakshana Khatri
सूलक्षणा खत्री
Shahnawaz Pradhan
शाहनवाज़ प्रधान
Vilas Raj
विकास राज
Sandeep Mohan
संदीप मोहन
Mona Parekh
मोना पारेख़
Shashi Sharma
शशि शर्मा
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