रामानंद सागर कृत श्री कृष्ण भाग 4 - कंस का मथुरा राज्य पर बलपूर्वक शासन
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Ramanand Sagar's Shree Krishna Episode 4 - Kansa's rule over Mathura state by force
वासुदेव कंस को दिये गये वचनानुसार अपने पहले पुत्र को लेकर कंस के पास आते है। परंतु कंस को नन्हे से बालक को देख कर लगता है कि आकाशवाणी के अनुसार देवकी की आठवीं सन्तान उसकी मृत्यु का कारण होगा तो वह इस बालक की हत्या का पाप क्यों ले, यह सोचकर वह वासुदेव को बालक वापस देकर जाने के लिये कहता है। वासुदेव के जाने के बाद चाणुर कंस से कहता कि उसे बालक को मार देना चाहिये क्योंकि हो सकता है कि यह विष्णु का कोई मायाजाल हो। कंस को चाणुर का सुझाव समझ में आ जाता है। उधर वासुदेव महल में वापस आकर देवकी को बालक सौंप देते है, वह प्रसन्न हो जाती है। तभी कंस वहाँ पहुँच जाता है और देवकी से बालक को छीनकर उनकी आँखों के सामने पटक कर उसकी हत्या कर देता है। कंस अपने सैनिकों को देवकी और वासुदेव को यमुना किनारे वाले कारागार में बंदी बनाने के साथ ही नगर में जंगलों में छुपी मगध की सेना की मथुरा में तैनाती का आदेश देता है। देवकी के दासी कंस द्वारा किये गये इस घृणित कृत्य की सूचना राजा उग्रसेन को देती है। राजा क्रोधित होकर प्रहरी को सेनापति कंस को बुलाने के आदेश देते है। इधर कंस अपने सैनिकों आदेश देता है कि उसके इस कृत्य की सूचना नगर में नहीं फैलनी चाहिए तथा कहीं पर भी लोग एकत्र न होने पाये। उधर कंस के न पहुँचने पर राजा उग्रसेन अपने सेनानायक वीरसेन से कंस को बंदी बनाकर उपस्थित करने के लिये कहते है। लेकिन तभी कंस स्वयं वहाँ आता जाता है तथा उसका राजा उग्रसेन के साथ वाक-युद्ध होता है। कंस राजा से अपना राज मुकुट उसके सर पर पहना कर वन में जाकर रहने के लिये कहता है। इस पर राजा उग्रसेन कंस को उसके द्वारा पूर्व में कहे गये कथन ‘राज्य कोई खीर नहीं जो भूखों में बाँट दी जाये’ का संदर्भ देते हुये कहते है कि राजमुकुट कोई खिलौना नहीं जो एक जिद्दी बालक को खेलने के लिये दे दिया जाये और क्रोधित होकर अपने सैनिकों को कंस को बंदी बनाने कहते है। उसी समय महल में छुपे कंस के मित्रों के सैनिक आ जाते है और राजा के सैनिकों को मार देते है। कंस सेनानायक वीरसेन को मार देता है और अपने पिता राजा उग्रसेन को बंदी बना कर काल कोठरी डाल कर कंस राजसिंहासन पर विराजमान हो जाता है। कंस अपने सैनिकों से राजा के समर्थकों बंदी बनाने के लिये कहता है तब चाणुर कंस अपने सैनिकों से राजा उग्रसेन के समर्थकों बंदी बनाने व सहयोगियों को उनके निवास में कैद कराने का सुझाव देता है। कंस के सैनिकों द्वारा प्रजा पर अत्याचार किया जाने लगता है। राजा उग्रसेन के सभी विश्वस्त मंत्रीगणों एवं राजपुरोहित को बंदी बना लिया जाता है। राजा शूरसेन (वासुदेव के पिता) अक्रूर को मथुरा में हो रहे षड्यंत्र से चिंतित होकर नगर को छोड़ने लिए कहते हैं। अक्रूर अपने साथी मित्रसेन की मदद से मथुरा से अपने सारी स्त्रियों एवं बच्चों को सुरक्षित निकाल देते हैं और वासुदेव की दूसरी पत्नी रोहिणी को सुरक्षा के दृष्टि से गोकुल में नंदराय जी के पास भेजने की योजना बनाते है।
श्रीकृष्णा, रामानंद सागर द्वारा निर्देशित एक भारतीय टेलीविजन धारावाहिक है। मूल रूप से इस श्रृंखला का दूरदर्शन पर साप्ताहिक प्रसारण किया जाता था। यह धारावाहिक कृष्ण के जीवन से सम्बंधित कहानियों पर आधारित है। गर्ग संहिता , पद्म पुराण , ब्रह्मवैवर्त पुराण अग्नि पुराण, हरिवंश पुराण , महाभारत , भागवत पुराण , भगवद्गीता आदि पर बना धारावाहिक है सीरियल की पटकथा, स्क्रिप्ट एवं काव्य में बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ विष्णु विराट जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसे सर्वप्रथम दूरदर्शन के मेट्रो चैनल पर प्रसारित 1993 को किया गया था जो 1996 तक चला, 221 एपिसोड का यह धारावाहिक बाद में दूरदर्शन के डीडी नेशनल पर टेलीकास्ट हुआ, रामायण व महाभारत के बाद इसने टी आर पी के मामले में इसने दोनों धारावाहिकों को पीछे छोड़ दिया था,इसका पुनः जनता की मांग पर प्रसारण कोरोना महामारी 2020 में लॉकडाउन के दौरान रामायण श्रृंखला समाप्त होने के बाद ०३ मई से डीडी नेशनल पर किया जा रहा है, TRP के मामले में २१ वें हफ्ते तक यह सीरियल नम्बर १ पर कायम रहा।
Produced - Ramanand Sagar / Subhash Sagar / Pren Sagar
निर्माता - रामानन्द सागर / सुभाष सागर / प्रेम सागर
Directed - Ramanand Sagar / Aanand Sagar / Moti Sagar
निर्देशक - रामानन्द सागर / आनंद सागर / मोती सागर
Chief Asst. Director - Yogee Yogindar
मुख्य सहायक निर्देशक - योगी योगिंदर
Asst. Directors - Rajendra Shukla / Sridhar Jetty / Jyoti Sagar
सहायक निर्देशक - राजेंद्र शुक्ला / सरिधर जेटी / ज्योति सागर
Screenplay & Dialogues - Ramanand Sagar
पटकथा और संवाद - संगीत - रामानन्द सागर
Camera - Avinash Satoskar
कैमरा - अविनाश सतोसकर
Music - Ravindra Jain
संगीत - रविंद्र जैन
Lyrics - Ravindra Jain
गीत - रविंद्र जैन
Playback Singers - Suresh Wadkar / Hemlata / Ravindra Jain / Arvinder Singh / Sushil
पार्श्व गायक - सुरेश वाडकर / हेमलता / रविंद्र जैन / अरविन्दर सिंह / सुशील
Editor - Girish Daada / Moreshwar / R. Mishra / Sahdev
संपादक - गिरीश दादा / मोरेश्वर / आर॰ मिश्रा / सहदेव
Cast / पात्र
Sarvadaman D. Banerjee
सर्वदमन डी. बनर्जी
Swapnil Joshi
स्वप्निल जोशी
Ashok Kumar
अशोक कुमार बालकृष्णन
Deepak Deulkar
दीपक डेओलकर
Sanjeev Sharma
संजीव शर्मा
Pinky Parikh
पिंकी पारिख
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