भगवान शिव को समर्पित प्राचीन तथा प्रसिद्ध देव सोमनाथ मंदिर यात्रा से जुड़ी जानकारी | 4K | दर्शन 🙏
श्रेय:
संगीत एवम रिकॉर्डिंग - सूर्य राजकमल
लेखक - रमन द्विवेदी
भक्तों नमस्कार! प्रणाम! और सादर अभिनन्दन.... भक्तों वैसे तो हमारे देश के सभी राज्य एक से बढ़कर एक प्राचीनतम धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर संभाले हुये हैं। किन्तु धरोहरों के मामले में राजपूताना के नाम से सुप्रसिद्ध राजस्थान तो देश का मुकुट मणि है। राजस्थान की धरती पर अनेकानेक भवन, महल, गढ़ और मंदिर हैं जिनका कीर्तिध्वज केवल भारत ही नहीं विदेशों तक पहरा रहा है। ऐसा ही एक मंदिर है राजस्थान के डुंगरपुर स्थित देव सोमनाथ मंदिर....
मंदिर के बारे में:
भक्तों देव सोमनाथ मंदिर डूंगरपुर शहर के उत्तर पूर्व दिशा में लगभग 20 किलोमीटर की दूर नदी के तट पर स्थित है। भगवान शिव को समर्पित देव सोमनाथ मंदिर अपनी वास्तुकला व विशेष निर्माण शैली के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।
मंदिर की आकृति:
भक्तों देव सोमनाथ मंदिर की विशेषता यह है कि दूर से देखने पर यह तीन मंजिला इमारत किसी विशाल रथ के समान दिखाई देती है। जबकि इसकी नक्काशी और वास्तु कला रणकपुर स्थित जैन मंदिर से मिलती-जुलती है।
मंदिर का पुनर्निर्माण:
भक्तों देव सोमनाथ मंदिर के पास लगे शिलालेख के अनुसार - 14वीं शताब्दी के राजा महारावल गोपीनाथ, जिनका शासनकाल विक्रम संवत 1427 से 1447 तक रहा और उनके बाद महारावल शेषमल जी, जिनका शासनकाल 1586 से 1606 ईसवी तक रहा, उन्होंने अपने-अपने समय में इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था।
मंदिर में दर्शन का समय:
भक्तों देव सोमनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के दर्शन के लिए समय प्रातः काल 7 बजे से रात्री 7-30 बजे तक है। अतः जब आप यहाँ दर्शन हेतु जाएँ तो समय का ध्यान रखें।
प्रवेश शुल्क:
भक्तों देव सोमनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए किसी भी प्रकार प्रवेश शुल्क नहीं है अर्थात देव सोमनाथ की यात्रा पूर्णतः निशुल्क है।
नजदीकी पर्यटन स्थल:
भक्तों राजस्थान का खूबसूरत शहर डूंगरपुर विभिन्न पर्यटक और दर्शनीय स्थलों से भरा पड़ा हुआ हैं, तो यदि आप डूंगरपुर में देव सोमनाथ मंदिर घूमने जाने की योजना बना रहे है तो आप डूंगरपुर में देव सोमनाथ मंदिर के साथ-साथ उदय बिलास पैलेस, गैबसागर झील, भुवनेश्वर, जूना महल डूंगरपुर, बेणेश्वर मंदिर, बादल महल, राजराजेश्वर मंदिर, गुड मांडप और नागफणजी जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर भी घूमने जा सकतें हैं, जिनकी जानकारी हम आपको नीचे देने जा रहे हैं।
यात्रा का अच्छा समय:
भक्तों देव सोमनाथ मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय मार्च से लेकर अक्टूबर के महीनों का होता है क्योंकि राजस्थान एक रेगिस्तानी राज्य है और यहां गर्मियों के मौसम में बहुत तेज गर्मी पड़ती है। अप्रैल से लेकर जून तक यहां गर्मी का मौसम होता है। इसीलिए देव सोमनाथ मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय वसंत ऋतु या फिर सर्दियों के महीनों के दौरान यानी अक्टूबर से मार्च तक होता है।
कैसे पहुंचे:
भक्तों देव सोमनाथ मंदिर राजस्थान की राजधानी के नजदीकी जिला डुंगरपुर में स्थित है। अतः यहाँ के लिए हवाई, रेलवे और सड़क तीनों मार्ग सुगमता के साथ उपलब्ध हैं आप किसी भी माध्यम का इस्तेमाल करके आसानी से देव सोमनाथ की यात्रा कर सकते हैं।
भक्तों! अगर आप भी देव सोमनाथ मंदिर स्थित भगवान देव सोमनाथ और भगवान गोपीनाथ के दर्शन पूजन करने, उनकी कृपा प्राप्त करने के इच्छुक हैं तो अपने बजट, क्षमता और सुविधा अनुसार यात्रा का शुभारंभ कीजिये।तो आज के इस एपिसोड में इतना ही... एक नए धाम की यात्रा में फिर मिलते हैं... नमस्कार...प्रणाम ॥इति शुभम॥
मंदिर की आकृति:
भक्तों देव सोमनाथ मंदिर की विशेषता यह है कि दूर से देखने पर यह तीन मंजिला इमारत किसी विशाल रथ के समान दिखाई देती है। जबकि इसकी नक्काशी और वास्तु कला रणकपुर स्थित जैन मंदिर से मिलती-जुलती है।
भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव।तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद।दर्शन! 🙏
इस कार्यक्रम के प्रत्येक एपिसोड में हम भक्तों को भारत के प्रसिद्ध एवं प्राचीन मंदिर, धाम या देवी-देवता के दर्शन तो करायेंगे ही, साथ ही उस मंदिर की महिमा उसके इतिहास और उसकी मान्यताओं से भी सन्मुख करायेंगे। तो देखना ना भूलें ज्ञान और भक्ति का अनोखा दिव्य दर्शन| 🙏
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि तिलक किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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