प्राचीन काल में मनोरमा और कुंवानो नदी संगम से होती थी आयोध्या 84 कोस की परिक्रमा शुरू | 4K | दर्शन 🙏
श्रेय:
संगीत एवम रिकॉर्डिंग - सूर्य राजकमल
लेखक - रमन द्विवेदी
भक्तों नमस्कार! हमारे यात्रा कार्यक्रम दर्शन में आपका हार्दिक अभिनन्दन है! भक्तों आज हम आपको अपने यात्रा कार्यक्रम के माध्यम से एक ऐसे पौराणिक दिव्य स्थान का दर्शन करवाने जा रहे हैं जहां भगवान श्रीराम जी ने रेखा खींच कर नदी प्रकट की थी भक्तों हम बात कर रहे हैं त्रेता युग से करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्रबिंदु रामरेखा नदी और रामरेखा मंदिर की!
मंदिर के बारे में: भक्तों रामरेखा मंदिर भव्यता और विशालता की दृष्टि से भले महत्वपूर्ण न हो लेकिन इसके आध्यात्मिक, धार्मिक और पौराणिक महत्ता कदापि कम नहीं है। रामरेखा मंदिर बस्ती नगर के पास स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह आयोध्या 84 कोस परिक्रमा का पहला पड़ाव है। श्रद्धालु इस रामरेखा नदी में स्नान कर रामरेखा मंदिर की परिक्रमा करते हैं।
अयोध्या 84 कोस का मुहारा अर्थात प्रवेशद्वार: भक्तों मनोरमा नदी और कुंवानो नदी के संगम को लोग द्वारा अयोध्या का पूर्वी मुहारा अर्थात पूर्वी प्रवेशद्वार माना जाता है। क्योंकि प्राचीन समय में अयोध्या 84 कोस की यात्रा इसी मुहारे से प्रारंभ होटी थी और यहीं पूर्ण भी होती थी।
नजदीकी दर्शनीय स्थल: भक्तों यदि आप रामरेखा नदी तट पर स्थित रामरेखा मंदिर के दर्शन को जा रहे हैं तो रामरेखा और मनोरमा नदी का संगम, कुआनो व सरयू नदी का संगम, मनोरमा के तट पर प्रतिष्ठित नकटेश्वर धाम, नागपुर सम्मय स्थल, श्रन्गिनारी आश्रम, शांता मंदिर , मखौड़ा धाम, श्रिंगीनारी आश्रम, हनुमान बाग चकोही एवं लालगंज के मंदिर का दर्शन अवश्य करें। यहां श्रद्धालु पूजन अर्चन एवं तर्पण का कार्यक्रम करते हैं।
84 कोसी परिक्रमा: भक्तों अयोध्या की विश्व प्रसिद्ध चौरासी कोसी परिक्रमा की परंपरा सदियों पुरानी है। इस यात्रा में श्रद्धालु भगवान राम के राज्य के 84 कोस का भ्रमण करते है। माना जाता है कि भगवान राम की अयोध्या से 84 कोस का इलाका भी अयोध्या धाम ही है। सनातन धर्म में 84 लाख योनियां होती हैं। इसलिए 84 कोसी परिक्रमा करने से मनुष्य को 84 लाख योनियों में भटकने से छुटकारा मिल जाता है और मृत्यु के बाद मनुष्य भगवान के धाम में पहुंच जाता है।
सबसे अच्छा समय: भक्तों उत्तरप्रदेश के बस्ती जिला स्थित दार्शनिक व पर्यटन स्थलों के भ्रमण का सबसे अच्छा समय नवंबर से मार्च के बीच का होता है।
भक्तों! अगर आप भी बस्ती जाकर रामरेखा नदी में स्नान करना चाहते हैं रामरेखा मंदिर में भगवान श्रीराम और माता सीता का दर्शन परसन कर उनका आशीर्वाद चाहते हैं तो यात्रा का श्रीगणेश कीजिये।
इस एपिसोड में इतना ही, किसी और धाम की यात्रा में आपसे फिर भेंट होगी, तब तक के लिए हमें विदा दें, नमस्कार। ॥इति शुभम॥
भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन ! 🙏
इस कार्यक्रम के प्रत्येक एपिसोड में हम भक्तों को भारत के प्रसिद्ध एवं प्राचीन मंदिर, धाम या देवी-देवता के दर्शन तो करायेंगे ही, साथ ही उस मंदिर की महिमा उसके इतिहास और उसकी मान्यताओं से भी सन्मुख करायेंगे। तो देखना ना भूलें ज्ञान और भक्ति का अनोखा दिव्य दर्शन। 🙏
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि तिलक किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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