An inspiring speech of Pandit Jawaharlal Nehru especially for youth
कितने बरस हुए के हमने किस्मत से बाज़ी लगाई थी...एक इकरार किया था, प्रतिज्ञा की थी अब वक्त आया के हम उसको पूरा करें... बिल्कुल पूरी तो शायद अभी भी ना हो लेकिन फिर भी एक बड़ी मंजिल पूरी हुई हम वहाँ पहुँचे मुनासिब है कि ऐसे वक्त पहला काम हमारा ये हो के हम एक पुरानी और एक नई प्रतिज्ञा फिर से हम करें। इकरार करें, आइंदा हिंदुस्तान का और हिंदुस्तान के लोगो के खिदमत करने का... चंद मिनट में ये एसेम्बली एक पूरी तौर से आज़ाद खुदमुख्तार असेम्बली होगी... और ये असेम्बली नुमाइंदगी करेगी एक आज़ाद खुदमुख्तार मुल्क की... इसके ऊपर ज़बरदस्त जिम्मेदारियाँ आती है...अगर हम उन जिम्मेदारियों को पूरी तौर से महसूस ना करे तव शायद हम अपना काम पूरी तरह से नहीं कर सकेंगें...इसलिए ये ज़रूरी हो जाता है के हम एसे मौके पर पूरी तौर से सोच समझ के इसका एकरार करे और जो रेज़लूशन प्रस्ताव में आपके सामने पेश कर रहा हूँ वो इस इकरार इस प्रतिज्ञा का है... हमने एक मंजिल पूरी की और इसकी खुशियाँ मनाई जा रही हैं...आज़ाद हम हुए लेकिन आज़ादी के साथ मुसीबतें और बोझे आते हैं...उनका सामना करना है उनको ओढ़ना है.. और हमने जो स्वप्न देखा था उसको पूरी तौर से असल बनाना है। मुल्क को आज़ाद हमे करना था, मुल्क से गैर हुकूमत को अलग करना था मुकाम पूरा हुआ।