ऐरिल हैलाइडों में, हैलोजन युक्त C- परमाणु के \( s p^{2} \) संकरण, अनुनाद प्रभाव तथा \( \mathrm{C...
ऐरिल हैलाइडों में, हैलोजन युक्त C- परमाणु के \( s p^{2} \)
संकरण, अनुनाद प्रभाव तथा \( \mathrm{C}-X \) आबन्ध की निम्न ध्रुवता के कारण, ये नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ प्रदश्शित नहीं करते हैं। क्लोरोबेन्जीन को निम्नलिखित संरचनाओं के अनुनाद संकर के रूप में लिख सकते हैं
अनुनाद के कारण, क्लोरोबेन्जीन स्थायी हो जाती है। क्लोरोबेन्जीन में \( \mathrm{C}-\mathrm{Cl} \) आबन्ध आंशिक द्विआबन्ध व्यवहार प्राप्त करता है जिसके कारण इसे ऐल्किल हैलाइडों में उपस्थित \( \mathbf{C - C l} \) आबन्ध की अपेक्षा तोडना कठिन होता है। इसी प्रकार विनाइल हैलाइड अनुनाद के कारण नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रियाओं के प्रति कम सक्रिय होते हैं।
क्लोरो बेन्जीन में छ: \( \mathrm{C}-\mathrm{C} \) आबन्धों की लम्बाई समान होने का कारण है
(A) प्रेरणिक प्रभाव
(B) समावयवता
(C) चलावयवता
(D) \( s p^{2} \)-संकरण
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