जब स्वस्थ पृथ्वी का समतामण्डल ओजोन \( \left(\mathrm{O}_{3}\right) \) की कम सान्द्रता रखता है जो ...
जब स्वस्थ पृथ्वी का समतामण्डल ओजोन \( \left(\mathrm{O}_{3}\right) \) की
कम सान्द्रता रखता है जो हानिकारक परार्बंगनी विकिरणों को निम्न चक्र के अनुसार अच्छी तरह अवशोषित करती है
क्लोरोफ्लोरोकार्बन प्रशीतक जैसे फ्रेऑन- \( 12\left(\mathrm{CF}_{2} \mathrm{Cl}_{2}\right) \) निचले वायुमण्डल में स्थायी होती है किन्तु समतापमण्डल में वे क्लोरीन मूलक उत्पन्न करने के लिए विकिरणों को अवशोषित करते हैं।
\[
\mathrm{CF}_{2} \mathrm{Cl}_{2} \longrightarrow \stackrel{\bullet}{\mathrm{CH}_{2}} \mathrm{Cl}+\stackrel{\bullet}{\mathrm{Cl}}
\]
क्लोरीन मूलकों की कम संख्या में उपस्थिति ओजोन की सान्द्रता को कम करती प्रतीत होती है।
निम्नलिखित सभी अभिक्रियाएँ ऊष्माक्षेपी है। केवल एक जिसके लिये प्रकाश आवश्यक है, को छोडकर) तथा उच्च दर नियतांक रखते हैं
I. \( \mathrm{Cl}-\mathrm{O}-\mathrm{O}-\mathrm{Cl} \stackrel{\mathrm{hv}}{\longrightarrow} \mathrm{O}_{2}+2 \mathrm{Cl}^{\circ} \)
II. \( \mathrm{Cl}-\mathrm{O}^{*}+\mathrm{O} \longrightarrow \mathrm{O}_{2}+\mathrm{Cl}^{*} \)
III. \( \mathrm{Cl}^{*}+\mathrm{O}_{3} \longrightarrow \mathrm{Cl}-\mathrm{O}^{*}+\mathrm{O}_{2} \)
IV. \( 2 \mathrm{Cl}-\mathrm{O}^{*} \longrightarrow \mathrm{Cl}-\mathrm{O}-\mathrm{O}-\mathrm{Cl} \)
ओजोन अवशोषित करने की योग्यता रखता है
(A) पराबेंगनी विकिरण
(B) वैद्युत चुम्बकीय विकिरण
(C) क्लोरोफ्लोरो कार्बन
(D) ग्रीन हाखस गेसें
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