सुग्रीव की व्यथा | राम द्वारा बालि वध की प्रतिज्ञा व शक्ति प्रदर्शन | रामायण | दिव्य कथाएँ
भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन दो भगवान!
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सुग्रीव श्रीराम को अपने भाई बालि से शत्रुता का कारण पूछे जाने पर बताते है कि एक दिन बालि को युद्ध के लिए ललकारने वाला मायावी नामक दानव हम दोनों भाईयों को एक साथ आता देख गुफा में छिप गया। जिस पर बालि उसे पहरेदारी के लिए बाहर छोड़ गुफा में चले जाते है। लेकिन वह गुफा से रक्त निकलता देख व बालि के मारे जाने की आशंका से भयभीत हो राज्य की सुरक्षा के लिए गुफा को एक बड़ी शिला से बन्द कर किष्किंधा वापस आ जाता है। जहाँ मंत्रीमण्डल ने उसे नया राजा घोषित कर देते है। लेकिन कुछ समय बाद गुफा के द्वार तोड़ किष्किंधा की राजसभा में पहुँच बालि सुग्रीव को सिंहासन पर विराजमान देख उस पर राजद्रोह का आरोप लगाते हुए अपनी गदा से प्राणघातक प्रहार करता है, तो वह जान बचाने के लिए ऋष्यमूक पर्वत में आकर छिप जाता है क्योंकि ऋषि मतंग के श्राप के कारण बालि ऋष्यमूक पर्वत पर नहीं आ सकता था। सुग्रीव श्रीराम को यह भी बताते है कि बालि ने उसकी पत्नी रूमा को भी छीन रखा है। राम प्रतिज्ञा करते हैं कि अगले दिन सूर्यास्त से पहले वह बालि का वध कर सुग्रीव को उसका राज्य और पत्नी दोनों वापस दिलायेंगे। सुग्रीव श्रीराम को बालि को मिले अपने शत्रु की आधी शक्ति प्राप्त वरदान के साथ उसकी शक्तियों के बारे में बताता है। तब श्रीराम दुन्दभि के अस्थि पिंजर को अपने पैर की ठोकर से कोसों दूर फेंक और अपने एक बाण से सात ताड़ के वृक्ष को काट अपनी शक्ति का आभास जामवन्त को कराते है।
संसार में मनुष्य को धर्म के अनुरुप मर्यादित जीवन जीने की शिक्षा देने के लिए युगों से विभिन्न कथाओं के माध्यम से शिक्षित करने का प्रयास किया गया है। सनातन धर्म में कथाओं को विशेष महत्व है और मनुष्य के जन्म से लेकर मृत्यु तक हर अवसर के लिए कथा, हर पूजा-विधान के लिए कथा। इन कथाओं को सुनने व अनुसरण करने से मानव के सामाजिक जीवन में विशेष प्रभाव पड़ता है और रामायण और भगवत् गीता जैसे महान ग्रंथो (कथाओं) में मानव जीवन का सार छुपा है। यह दिव्य कथाएं धार्मिक, सांस्कृतिक और मानवीय मूल्यों से परिचय करा मनुष्य को सामाजिक जीवन जीने के कला को निपुण बनाने का कार्य करने के साथ प्रेरणा का कार्य करती है। “तिलक” अपने इस नये संकलन “दिव्य कथाएं” में सर्वप्रथम रामायण से जुड़े प्रसंगों को आपके समक्ष प्रस्तुत करेगा। भक्ति भाव से इनका आनन्द लीजिये और तिलक से जुड़े रहिये।
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