हे महालक्ष्मी तीनों लोक तेरे गुण गाते हैं | जय महालक्ष्मी | गीत संवाद
"आषाढ़ी एकादशी पर महाराष्ट्र के पंडरपुर में लगने वाला मेला
गीत-संवाद के इस प्रसंग में देवी महालक्ष्मी से जुड़े त्योहारों के बारे में बता रहे रामानंद सागर जी बताते है कि महाराष्ट्र में आषाढ़ी एकादशी को दूर-दूर से भक्त पंडरपुर तक पैदल यात्रा करते है और वहाँ विठोबा के साथ लक्ष्मी के अवतार रुक्मणि के दर्शनों से कृतार्थ होते है। गीत-संवाद के माध्यम से महाराष्ट्र के गाँव-गाँव में स्त्री-पुरुषों के द्वारा किए जाने वाले देवी लक्ष्मी के आह्वान का अति सुन्दर प्रस्तुतिकरण किया गया है।
मराठी गीत"
सनातन धर्म के पौराणिक पुराणों, ग्रंथों एवं स्तोत्रों में कमल पुष्प पर विराजमान भगवान विष्णु की पत्नी देवी महालक्ष्मी की महिमा और देवताओं, असुरों सहित जनमानस को मिलने वाली जिस अनुकम्पा का वर्णन किया गया, उसे जनमानस तक पहुँचाने के लिए रामानंद सागर जी ने जय महालक्ष्मी धारावाहिक का निर्माण किया और उसे संगीतमय बनाने के लिए एक बार पुनः महान संगीतकार रविन्द्र जैन को चुना। जिन्होंने धारावाहिक को कुछ प्राचीन गीतों के साथ स्वयं के द्वारा लिपिबद्ध गीतों से इस प्रकार सजाया है, जो सुनने वाले के हृदय को भाव-विभोर कर देता है। “तिलक” अपने इस नए संकलन “गीत-संवाद” में देवी महालक्ष्मी से जुड़े अनेक संगीतमय प्रसंगों को आपके समक्ष प्रस्तुत करेगा। भक्ति भाव से इनका आनन्द लीजिए और तिलक से जुड़े रहिए।
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