समूचे विश्व में अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध कानपुर का जे के मंदिर | 4K | दर्शन 🙏
श्रेय:
संगीत एवम रिकॉर्डिंग - सूर्य राजकमल
लेखक - रमन द्विवेदी
भक्तों नमस्कार! हमारे यात्रा कार्यक्रम दर्शन में आपका हार्दिक अभिनन्दन है। भक्तों हमारा भारत, सनातन संस्कृति का धारक व वाहक देश है। यहाँ के लोग प्रातः जागरण से लेकर रात्रि शयन तक अपना प्रत्येक कार्य शास्त्रसम्मत नियम के अनुसार करते थे। चाहे मकान हो या मंदिर! सभी का निर्माण वास्तुशास्त्र के नियमानुसार ही होता रहा है। सनातन संस्कृति में मान्यता है, कि यदि निवास या कर्म स्थान का वास्तु सही है तो वहां सकारात्मक ऊर्जा के साथ साथ सुख समृद्धि की भी वृद्धि होती है। देश में ऐसे अनगिनत भवन व मंदिर हैं जिनमें आधुनिक और प्राचीन वास्तुशास्त्र का अनोखा मिश्रण देखने को मिला है ऐसा ही एक मंदिर है कानपुर का जे के मंदिर।
कानपुर नगर:
भक्तों कानपुर उत्तरप्रदेश का ही नहीं अपितु भारत का एक प्रमुख पौराणिक ऐतिहासिक और औद्योगिक नगर है। इसका प्राचीन मूल नाम 'कान्हपुर' था। इस नगर की उत्पत्ति का इतिहास सचेंती के राजा हिंदूसिंह और महावीर कर्ण से संबद्ध होना बताया जाता है कालांतर अवध के नवाबों के शासनकाल के अंतिम चरण में यह नगर पुराना कानपुर, पटकापुर, कुरसवाँ, जुही तथा सीमामऊ गाँवों के मिलने से बना था।
मंदिर के बारे में:
भक्तों जेके मंदिर देश के सुप्रसिद्ध और बहुचर्चित मंदिरों में से एक है। यह मंदिर सर्वोदय नगर, कानपुर उत्तरप्रदेश में स्थित राधाकृष्ण का एक आधुनिक हिंदू मंदिर है। जेके मंदिर का वास्तविक नाम जुग्गीलाल कमलापत मंदिर है। ये मंदिर अपने लाजवाब वास्तु के कारण समूचे विश्व में प्रसिद्ध है। इस मंदिर के निर्माण में दिशाओं और पंचतत्वों (पृथ्वी, आकाश, जल, अग्नि और वायु) का अद्भुत समन्वय किया गया है।
मूर्तिकला:
भक्तों जे के मंदिर की मूर्तिकला अद्भुत और मनभावन है। यहाँ भिन्न भिन्न पत्थरों से भिन्न भिन्न देवी देवताओं की मूर्तियों को बड़े ही आकर्षक ढँग से तराशकर प्रतिष्ठित किया गया है। यहाँ आनेवाले यात्री इस मंदिर की मूर्तिकला का दर्शन कर आश्चर्यचकित हो जाते हैं।
आरती का समय:
भक्तों कानपुर जे के मंदिर में दिन में दो बार आरती होती हैं पहली आरती का समय प्रातः 10 बजे तथा दूसरी आरती का समय सायं 7 बजे है। आरती का दृश्य बड़ा मनोहर और विहंगम होता है। विशेषकर रात्री 7 बजे होनेवाली आरती भक्तों का मन मुग्ध कर देती है। आरती शंखनाद के साथ प्रारम्भ होती है इस दौरान करताल, ढोल, नगाड़े, शंख, और घड़ियाल के अनहद नाद न केवल मंदिर परिसर का वातावरण भक्तिमय बना देते अपितु उपस्थित भक्तों को भक्ति भाव से सराबोर कर देते हैं। यहाँ होनेवाली आरती मंदिर में उपस्थित यात्रियों, श्रद्धालुओं और भक्तों के रोम रोम को आह्लादित व् रोमांचित कर देता है।
मंदिर खुलने का समय:
भक्तों कानपुर जे के मंदिर खुलने समय प्रातः 6 बजे से 11 बजे तक और 4 बजे से रात्रि 10 बजे तक निर्धारित होता हैं। अतः आप जब यहाँ दर्शन करने जाएँ तो समय का ध्यान रखें।
गार्डेन:
भक्तों जे के मंदिर के परिसर में एक खूबसूरत और आकर्षक बगीचा है जहाँ आकर नजदीकी लोग प्रतिदिन सैर सपाटा, चहलकदमी, प्राणायाम, व्यायाम और योग अभ्यास इत्यादि करते हैं।
सुरक्षा व्यवस्था:
भक्तों जे के मंदिर कानपुर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए हैं, जहाँ प्रवेशद्वार से लेकर गर्भगृह तक समूचे मंदिर की सी सी टीवी कैमरे द्वारा निगरानी रखी जाती हैं तो वहीँ मंदिर के सुरक्षारक्षक हर समय सतर्क मुद्रा में पहरा देते दिखाई देते हैं।
भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन ! 🙏
इस कार्यक्रम के प्रत्येक एपिसोड में हम भक्तों को भारत के प्रसिद्ध एवं प्राचीन मंदिर, धाम या देवी-देवता के दर्शन तो करायेंगे ही, साथ ही उस मंदिर की महिमा उसके इतिहास और उसकी मान्यताओं से भी सन्मुख करायेंगे। तो देखना ना भूलें ज्ञान और भक्ति का अनोखा दिव्य दर्शन।🙏
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि तिलक किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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