कान्हा ने तोड़ा इंद्र देव और कलिया नाग का अहंकार | जन्माष्टमी स्पेशल | Janmashtami Special | 2022
भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन दो भगवान!
Watch the video song of ''Darshan Do Bhagwaan'' here - https://youtu.be/j7EQePGkak0
Watch the story of "Kaanha ne toda indr dev aur kaliya naag ka ahankaar" now!
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श्री कृष्ण को इंद्र देव के अहंकार को तोड़ना था तो उन्होंने गोकुल में इंद्र देव के यज्ञ और पूजन के स्थान पर गोवर्धन पर्वत और गाय माता की पूजा अर्चना करने के लिए गोकुल वासियों को कहा जिसे सभी ने मां लिया और गोवर्धन पर्वत और गाय माता की पूजा शुरू कर दी यह सब देख कर इंद्र देव को गोकुल वासियों पर क्रोध आ जाता है और वो अपने मेघों के नायक को गोकुल वासियों पर क़हर बरसाने के लिए भेजते हैं। गोकुल में बहुत तेज तूफ़ान और बारिश होती है जी से गोकुल में बहुत नुक़सान होता है कान्हा सभी गोकुल वासियों को अपने साथ अपनी गाएँ लेकर गोवर्धन पर्वत की ओर आने को कहते हैं। कान्हा गोवर्धन पर्वत को अपनी उँगली पर उठा लेते हैं और सभी गोकुल वासी अपनी पशुओं के साथ पर्वत के नीचे तूफ़ान और बारिश से बचने के लिए शरण ले लेते हैं। सभी गोकुल वासी कान्हा और गोवर्धन पर्वत की जय जयकार करते हैं। इंद्र देव स्वयं आकर गोवर्धन पर्वत पर घनघोर वर्षा करते हैं लेकिन वो गोकुल वासियों का कुछ बिगाड़ नहीं पाते। इंद्र देव का अहंकार टूट जाता है तो वो कान्हा की शरण में आते हैं। सभी तूफ़ान के रुक जाने के बाद वापस लौट आते हैं और देवी माया उनके दिमाग़ से गोवर्धन पर्वत को उठाने के वाक्य को मिटा देती हैं। इंद्र देव कान्हा से क्षमा माँगते हैं और गाय माता कान्हा को उनकी रक्षा करने के लिए धन्यवाद करती हैं। गोकुल के समीप एक यमुना जी की नदी में जल कुंड था जहां एक कालिया नाम का नाग आकार रहने लगता है जो उस कुंड में आने वाले सभी जीव जंतुओं को मार कर खा जाता था। श्री कृष्ण और उनके मित्र एक दिन उस कुंड के पास गेंद से खेल रहे थे की उनकी गेंद कुंड में गिर जाती है जिसे लेने के लिए कान्हा कुंड में कूद जाते हैं और वहाँ कालिया नाग की पत्नी कान्हा को देख कर उसे वापस जाने के लिए कहती हैं ताकि कालिया नाग के क़हर से वो बच सके। लेकिन कान्हा कालिया नाग से नहीं डरते और उसे कुंड छोड़कर जाने को कहते हैं। कालिया नाग कान्हा की एक नहीं सुनता और उनसे युद्ध करने लगता है कान्हा कालिया नाग को हरा देते हैं और उसके फ़न पर खड़े हो जाते हैं कालिया नाग कान्हा से क्षमा माँगता है और उनसे वादा करता है की वो उनके बताए स्थान पर चला जाएगा। कालिया नाग कान्हा को अपने फ़न पर बैठा कर बाहर लेकर जाता है। कान्हा बाहर आकर कालिया नाग के फ़न पर नृत्य करते हैं।