\( \mathrm{Fe}(\mathrm{OH})_{3} \) सॉल को \( \mathrm{KCl} \) की तुलना में \( \mathrm{Na}_{3} \ma...
\( \mathrm{Fe}(\mathrm{OH})_{3} \) सॉल को \( \mathrm{KCl} \) की तुलना में \( \mathrm{Na}_{3} \mathrm{PO}_{4} \) के द्वारा आसानी से स्कंदित किया जा सकता है वयोंकि
(A) \( \mathrm{Na}_{3} \mathrm{PO}_{4} \) का द्रव्यमान \( \mathrm{KCl} \) की अपेक्षा अधिक होता है अतः यह \( \mathrm{KCl} \) की अपेक्षा अधिक प्रभावी होता है।
(B) फॉस्फेट आयन \( \left(\mathrm{PO}_{4}^{3-}\right) \) में \( \mathrm{Cl}^{-} \)की अपेक्षा उच्च ऋणावेश होता है अतः स्कंदन के लिए अधिक प्रभावी होता है।
(C) \( \mathrm{KCl}_{2}, \mathrm{Na}_{3} \mathrm{PC}_{4} \) की अपेश्का अभ्न्रिक विन्नेय है अत स्कदन के लिए कम प्रभावी छोता है।
(D) \( \mathrm{Na}^{\prime} \) आयन, \( \mathrm{K}^{+} \)आयनों की अपेक्षा स्कद्न के लिए अधिक प्रभावी होते हैं।
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