शिक्षा प्राप्त करने को चले है ब्रह्मचारी | श्री कृष्णा | गीत संवाद
भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन दो भगवान!
Watch the video song of ''Darshan Do Bhagwaan'' here - https://youtu.be/j7EQePGkak0
द्वापर युग में भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में जन्मे श्रीकृष्ण की लीलायें व उनके द्वारा महाभारत युद्ध में अर्जुन को दिये गये उपदेश, जिन्हें ऋषि वेद व्यास जी ने श्रीमद् भगवद् गीता के रूप में संस्कृत भाषा में संकलित किया था, जिसकी लोकप्रियता विश्वविख्यात है। उन लीलाओं और उपदेशों के भावों को सरल भाषा में गीत-संगीत के माध्यम से और सशक्त बना जन-मानस तक पहुँचाने के लिए रामानंद सागर ने महान धारावाहिक श्रीकृष्णा का निर्माण किया। जिसके प्रसंगो को रविन्द्र जैन ने मधुर गीत-संगीत से लयवद्ध कर भावों की अभिव्यक्ति को आनन्दमय बना दिया। “तिलक” अपने इस नये संकलन “गीत-संवाद” में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े व श्रीमद् भगवद् गीता के अनेक काव्यबद्ध प्रसंगों को आपके समक्ष प्रस्तुत करेगा। भक्ति भाव से इनका आनन्द लीजिये और तिलक से जुड़े रहिये।
""श्री कृष्णा गीत-संवाद के इस प्रसंग में यज्ञोपवीत संस्कार के पश्चात गर्गाचार्य श्री कृष्ण और बलराम को विद्या ग्रहण करने के लिए किसी कारण काशी छोड़कर महाकाल के पास अवन्तिका (उज्जैनी) में आश्रम बनाने वाले महर्षि सान्दीपनि के पास भिक्षुक ब्रह्मचारी के रूप में जाकर उनके श्री चरणों में प्रार्थना करने के लिए कहते है। गीत-संवाद के माध्यम से महर्षि सान्दीपनि के आश्रम में जाकर उनके सानिध्य में श्री कृष्ण और बलराम के विद्या ग्रहण करने का सुन्दर वर्णन किया गया है।
शिक्षा प्राप्त करने को चले है ब्रह्मचारी
मथुरा से अवन्तिका चले है ब्रह्मचारी
न सेवक है संग में, न संग है सवारी
शिक्षा प्राप्त करने को चले है ब्रह्मचारी""
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