मार्कण्डेय महादेव मंदिर दर्शन तथा जानिए महाशिवरात्रि से जुड़ी इस मंदिर की विशेष परंपरा | 4K | दर्शन🙏
Credits:
संगीत एवम रिकॉर्डिंग - सूर्य राजकमल
लेखक - रमन द्विवेदी
भक्तों नमस्कार! प्रणाम! सादर नमन और अभिनन्दन.... भक्तों भगवान शिव के लिए कहा जाता है कि “शिव समान दाता नहीं, विपति विदारनहार”॥ अर्थात इस ब्रह्मांड में भगवान शिव एक मात्र ऐसे दाता (देनेवाले देवता) हैं जो अपने भक्तों की सभी समस्याओं को समूल नष्ट कर देते हैं। इसीलिए भगवान शिव को औघड़ दानी भी कहा जाता है। शास्त्रों और पुराणों में भगवान शिव की अहैतुकी कृपा की अनगिनत ऐसी कथाएँ वर्णित हैं। अनेकों ऐसे धाम हैं जहां आज भी शिव भक्तों पर भगवान शिव की कृपा बरसती है। भगवान शिव को समर्पित कुछ ऐसे मंदिर भी हैं जहां से मृत्यु के देवता यमराज भी हारकर लौट गए... ऐसा ही एक मंदिर है कैथी धाम का मार्कन्डेय महादेव मंदिर....
मंदिर के बारे में:
मार्कन्डेय महादेव महामृत्युंजय भी हैं:
भक्तों मार्कंडेय महादेव मंदिर में स्वास्थ्य लाभ और दीर्घ जीवन के लिए महा मृत्युंजय अनुष्ठान कराने का विशेष महत्व है। इसीलिए यहाँ तरह-तरह की समस्याओं से ग्रसित लोग आते हैं और देवाधिदेव महादेव सभी के दुखों को दूर कर उन्हे अपनी कृपा प्रदान करते हैं। लोगों को विश्वास है कि मार्कन्डेय धाम में भगवान शिव अपने भक्तों के बड़े से बड़े संकट को नष्ट कर देते हैं। असाध्य से असाध्य रोगों से ग्रस्त रोगियों को रोग मुक्त कर देते हैं। यही कारण है कि कैथी धाम में विराजमान मार्कन्डेय महादेव को महामृत्युंजय भी कहा जाता है।
उत्सव व त्योहार:
भक्तो यों तो मार्कंडेय महादेव मंदिर में प्रत्येक सोमवार, प्रदोष और तेरस को भक्तों और श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है लेकिन शिव आराधना को समर्पित श्रावणमास, पुरुषोत्तम मास (मलमास/अधिक मास) व महाशिवरात्रि आदि महापर्वों में तो यहाँ आनेवाले भक्तों की संख्या लाखों में होती हैं। इन अवसरों पर दूर दूर से शिवभक्त मार्कन्डेय महादेव मंदिर पहुँचते हैं और भगवान शिव की पूजा अर्चना कर उनकी कृपा के भागी बनते हैं। हजारों कांवड़िए काँवड़ लेकर पैदल आते हैं और मार्कन्डेय महादेव को काँवड़ अर्पित कर जलाभिषेक करते हैं।
दो दिन अनवरत जलाभिषेक:
भक्तों मार्कण्डेय महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर दो दिनो तक अनवरत जलाभिषेक करने की परम्परा है। संभवतः इसीलिए महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां काशी विश्वनाथ मंदिर से भी ज्यादा भीड़ होती है।
विशेष परंपरा:
भक्तो मार्कंडेय महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां दो दिवसीय मेला लगता है। जहां प्रथम दिन शिव बारात के रूप में लाखों पुरुष दर्शन-पूजन हेतु पहुंचते हैं तो वहीं इसके अगले दिन मंगलगीत का गायन करती लाखों की संख्या में महिलाएं पूजन करती हैं। यह कैथी मार्कंडेय धाम की विशेष परंपरा है। जो किसी अन्य शिवधाम में नहीं है।
भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव।तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद।दर्शन! 🙏
इस कार्यक्रम के प्रत्येक एपिसोड में हम भक्तों को भारत के प्रसिद्ध एवं प्राचीन मंदिर, धाम या देवी-देवता के दर्शन तो करायेंगे ही, साथ ही उस मंदिर की महिमा उसके इतिहास और उसकी मान्यताओं से भी सन्मुख करायेंगे। तो देखना ना भूलें ज्ञान और भक्ति का अनोखा दिव्य दर्शन| 🙏
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि तिलक किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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